Vantara Wildlife Sanctuary भारत के गुजरात राज्य के जामनगर जिले में स्थित एक अत्यंत खास और आधुनिक वन्यजीव संरक्षण परियोजना है। इस परियोजना की शुरुआत 2024 में मशहूर उद्योगपति अनील अंबानी के बेटे अनंत अंबानी द्वारा की गई थी। यह वन्यजीव आश्रय 3000 एकड़ में फैला हुआ है और इसे एशिया के सबसे बड़े वन्यजीव पुनर्वास और पुनरुत्थान केंद्र के रूप में देखा जा रहा है।
वन्यजीवों के लिए सुरक्षित घर
Vantara का उद्देश्य है घायल, बीमार, उपेक्षित या तस्करी से बचाए गए जानवरों को एक सुरक्षित और प्राकृतिक वातावरण प्रदान करना। यहां शेर, बाघ, तेंदुए, हाथी, कछुए, पक्षी और कई दुर्लभ प्रजातियों के जानवरों को विशेष देखभाल दी जाती है। जानवरों की देखरेख के लिए आधुनिक सुविधाएं, विशेषज्ञ डॉक्टर, और अनुभवी पशु देखभालकर्ता उपलब्ध हैं।
आधुनिक तकनीक और सुविधाएं
यह अभयारण्य अत्याधुनिक तकनीक और अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधाओं से लैस है। यहाँ जानवरों के लिए विशेष एम्बुलेंस, ICU, रेस्क्यू यूनिट्स और हाई-टेक मेडिकल सेंटर बनाए गए हैं। इसके साथ ही यहाँ एक रीसर्च और एजुकेशन सेंटर भी है जहाँ वन्यजीवों के संरक्षण पर अध्ययन और जागरूकता कार्य किया जाता है।
पर्यावरण संरक्षण के प्रति प्रतिबद्धता
Vantara न सिर्फ जानवरों को बचाता है, बल्कि यह पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी एक बड़ा कदम है। इस परियोजना में लाखों पेड़ लगाए गए हैं, जल संचयन की व्यवस्था की गई है, और सौर ऊर्जा का उपयोग कर इसे पर्यावरण के अनुकूल बनाया गया है। यह परियोजना सतत विकास और हरित भविष्य की प्रेरणा देती है।
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पर्यटन के लिए खुला नहीं
Vantara Wildlife Sanctuary आम जनता या पर्यटकों के लिए खुला नहीं है। यह केवल एक रेस्क्यू और पुनर्वास केंद्र है जहाँ जानवरों को राहत, देखभाल और प्राकृतिक वातावरण में जीवन जीने का अवसर दिया जाता है। यहाँ का प्राथमिक उद्देश्य है जानवरों का संरक्षण और उनकी रक्षा।
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निष्कर्ष
Vantara Wildlife Sanctuary भारत में वन्यजीव संरक्षण की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल है। यह न केवल पशु प्रेमियों के लिए एक प्रेरणा है, बल्कि यह यह दर्शाता है कि जब समर्पण और संसाधन मिलते हैं, तो हम प्रकृति की रक्षा के लिए बड़े स्तर पर काम कर सकते हैं। वन्यजीवों के लिए यह एक सुरक्षित स्वर्ग बन चुका है और आने वाले समय में यह परियोजना वैश्विक उदाहरण बन सकती है।